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क्यों मनाया जाता है दशहरा? दशहरा: विजयदशमी | Dussehra kyun manaya jaata hai? | Dussehra : Vijaydashmi

हमारा देश त्योहारों का देश है। यहां हर त्योहार बड़ी ही श्रद्धा एवं धूमधाम से मनाया जाता है। विजयदशमी दशहरा भी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है । इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की और झूठ पर सच्चाई की जीत का प्रतीक माना गया है। हिंदु पंचांग के अनुसार विजयदशमी दशहरा अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को पूरे भारतवर्ष में बड़े ही हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार 2022 में दशहरे का त्योहार आॉक्टूबर 5 को संपूर्ण भारत में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। वज़ोबियाना के इस लेख में बड़े ही खूबसूरत तरीके से बताया गया है कि विजयदशमी पर्व दशहरे का महत्व (Vijaydashmi Festival ka mahtav) क्या है और दशहरा/Dussehra क्यों मनाया जाता है। क्यों मनाया जाता है दशहरा: हिंदु मान्यताओं के अनुसार इस दिन श्री राम प्रभु ने लंका नरेश दशानन रावण का वध किया था। रावण लंका का राजा था और सारस्वत ब्राह्मण कुल में पैदा हुआ परम शिव भक्त था। वह एक कुशल राजनीतिज्ञ, महापराक्रमी योद्धा, बलशाली,दस सिरों से युक्त महान विद्वान पंडित, वेदों का ज्ञाता एवं महाज्ञानी था। उसका पूरा महल सोने का बना हुआ थ...

भारत के स्वतंत्रता दिवस का गौरवमयी शानदार 75वां जश्न:| Bharat Ke Independence day Ka Mahatv

"15अगस्त, 2021" भारत की स्वतंत्रता का गौरवमयी शानदार 75वां जश्न:  "15अगस्त, 1947" का दिन हमारे इतिहास में और प्रत्येक भारतीय के दिलो-दिमाग में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा गया है क्योंकि यही वह शुभ दिन है जब सदियों तक गुलामी की पीड़ा सहने के बाद हमारे देश में आज़ादी का पहला सूर्योदय हुआ था। इस बार यानिकि 15अगस्त, 2021 में हम सब भारतीय मिलकर गौरवमयी शानदार आजादी का 75वां जश्न मना रहे हैं।  15अगस्त, 1947 से पहले हमारे देश को पराधीनता की बेड़ियों ने बहुत बुरी तरह जकड़ रखा था। अंग्रेजों की गुलामी व उनके असहनीय अत्याचारों की वजह  से भारतीय लोगों की अपनी कोई पहचान नहीं थी और न ही कहीं कोई इज्ज़त थी। देश भर में खुशी का कोई नामोनिशान नहीं था। आधुनिक जीवन में स्वतंत्रता हर व्यक्ति का जन्म सिद्ध अधिकार है। 15अगस्त, 1947 की सुबह हम सब भारतवासियों के लिए नया सवेरा लेकर आई थी। देश का हर नागरिक  गर्व का अनुभव कर रहा था और प्रत्येक भारतवासी का सिर भारत माता की शान में नतमस्तक था। हम सब भारतवासी हमेशा आभारी रहेंगे भारत माता के उन वीर सपूतों के जिनके असंख्य बलिदानों की वजह से आज हम स्व...

शिक्षक दिवस : टीचर्स डे क्यों मनाया जाता हैं? | Teachers Day Kyun Manaaya Jaata Hai?

  इस दुनिया में सिर्फ मनुष्य के रूप में जन्म ले लेना ही काफी नहीं है बल्कि देश/दुनिया को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने के लिए आवश्यक है इंसान का सही दिशा में शिक्षित होना। देश और दुनिया में आज के समय में शिक्षा ही मात्र एक ऐसा माध्यम है जिससे मनुष्य रूपी प्राणी की गिनती इंसानों  में की जाती है। गुरु और शिष्य का संबंध सदियों से चला आ रहा है। उदाहरण के तौर पर जिस तरह जौहरी को हीरे की पहचान होती है और उसके सही रूप से तराशे जाने पर ही कई गुणा कीमत तय होती है ठीक उसी तरह एक योग्य गुरु अपने ज्ञान से एक साधारण से दिखने वाले बच्चे को भी सही दिशा में शिक्षित कर असाधारण प्रतिभा का मालिक बनाने की योग्यता रखता है। यदि हम कहें कि शिक्षा के बिना मनुष्य जीवन पशु समान है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं। आज़ादी से पहले जब भारत ब्रिटिश गुलामी से जूझ रहा था तो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारतियों के एक बड़े वर्ग को शिक्षित करने की इच्छुक नहीं थी लेकिन भारत को लूटने और व्यापार करने के लिए उन्हें एक ऐसा शिक्षित वर्ग चाहिए था जिनके माध्यम से अंग्रेजी सरकार व जनता के बीच आसानी से भाषा व विचारों का आदान-प्र...

जन्माष्टमी क्यों मनाते हैं? २०२१ में जन्माष्टमी किस डेट को मनाई जाएगी? Janmashtami kyun manate hain? 2021 kis taarikh ko manai jayegi janmashtami aur puja ka mahurt kb hai ?

2021 में कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी एवं पूजा का मुहूर्त: पुराणों के अनुसार भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान विष्णु जी ने कृष्ण जी के रूप में इस धरती पर जन्म लिया था। कृष्ण जी को विष्णु जी का आठवां अवतार माना जाता है। अतः इस दिन को अर्थात भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को विश्व भर में कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में भारतीय मूल के भक्तों द्वारा बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस बार यानिकि 2021 में  कृष्ण जन्माष्टमी 30अगस्त को मनाई जाएगी । चूंकि आजकल विश्व भर में pandemic/महामारी का दौर जारी है तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गाइड लाइन्स को ध्यान में रखकर ही कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मनाया जाएगा।   पूजा अर्चना के लिए मुहूर्त होगा 30अगस्त 2021, रात को लगभग 11बजकर 59मिनट से लेकर 12बजकर 44मिनट  तक।   कहा जाता है कृष्ण जन्माष्टमी के दिन रात को रोहिणी नक्षत्र में  कृष्ण जी की पूजा अर्चना करने से इंसान इस धरती पर सर्व सुख भोग कर अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है। देश-विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों द्वारा कृष्ण जी के जन्म दिवस को ज...