"15अगस्त, 1947" का दिन हमारे इतिहास में और प्रत्येक भारतीय के दिलो-दिमाग में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा गया है क्योंकि यही वह शुभ दिन है जब सदियों तक गुलामी की पीड़ा सहने के बाद हमारे देश में आज़ादी का पहला सूर्योदय हुआ था। इस बार यानिकि 15अगस्त, 2021 में हम सब भारतीय मिलकर गौरवमयी शानदार आजादी का 75वां जश्न मना रहे हैं। 15अगस्त, 1947 से पहले हमारे देश को पराधीनता की बेड़ियों ने बहुत बुरी तरह जकड़ रखा था। अंग्रेजों की गुलामी व उनके असहनीय अत्याचारों की वजह से भारतीय लोगों की अपनी कोई पहचान नहीं थी और न ही कहीं कोई इज्ज़त थी। देश भर में खुशी का कोई नामोनिशान नहीं था।
आधुनिक जीवन में स्वतंत्रता हर व्यक्ति का जन्म सिद्ध अधिकार है। 15अगस्त, 1947 की सुबह हम सब भारतवासियों के लिए नया सवेरा लेकर आई थी। देश का हर नागरिक गर्व का अनुभव कर रहा था और प्रत्येक भारतवासी का सिर भारत माता की शान में नतमस्तक था। हम सब भारतवासी हमेशा आभारी रहेंगे भारत माता के उन वीर सपूतों के जिनके असंख्य बलिदानों की वजह से आज हम स्वतंत्र भारत में चैन की सांस ले रहे हैं। देश के अनेकों सेनानियो, क्रांतिकारियों व वीर योद्धाओं जैसे नेता जी सुभाषचन्द्र बोस, वीर भगतसिंह, चंद्र शेखर आजाद, राजगुरु, महात्मागांधी, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, लाला लाजपतराय, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक, राम प्रसाद बिस्मिल इत्यादि के बलिदानों और अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ उठाई गई लगातार आवाज, समय-समय पर किए गए विरोध प्रदर्शन, महात्मागांधी द्वारा सुझाए गए अहिंसा के मार्ग का अनुसरण इन दोनों प्रकार के संयुक्त प्रयासों के बाद ही भारत माता को आज़ादी का जश्न मनाने का अभूतपूर्व सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
स्वतंत्रता की लड़ाई में महात्मा गांधी के अहम योगदान के बाबजूद 15अगस्त,1947 के दिन जब लाल किले पर झंडा फहराया जा रहा था तो आज़ादी के इस जश्न के समारोह में गांधी जी शामिल नहीं हो पाए थे क्योंकि वे उस दिन हिंदु मुस्लिम के बीच हो रही सांप्रदायिक हिंसाओं को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल के नोआखली में अनशन पर बैठे थे।
स्वतंत्रता दिवस भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है। ब्रिटिश शासन से मुक्ति पाने के लिए असंख्य भारतियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था अतः आज़ादी के इस जश्न पर उन सब शहीदों के बलिदान को याद किया जाता है और पूरे भारतवर्ष में इस दिन को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। देश की राजधानी तथा सभी शासकीय भवनों को बड़े ही खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है। देश के प्रथम नागरिक यानिकि राष्ट्रपति स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हैं। अगले दिन सुबह लाल किले पर देश के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र ध्वज फहराया जाता है और राष्ट्र गान का उदघोष किया जाता है। 21तोपों की सलामी दी जाती है। इसके बाद देश के माननीय प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं। आज़ादी का जश्न सिर्फ देश की राजधानी में ही नहीं अपितु अन्य राज्यों में भी ध्वजा रोहण के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भिन्न-भिन्न राज्यों में वहां के मुख्यमंत्रियों द्वारा झंडा फहराया जाता है।
इस साल 2021 में भी हर कोई यही सोच रहा है कि कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के चलते 15अगस्त को कैसा होगा आज़ादी का जश्न? सुप्रीम कोर्ट और मिनिस्ट्री ऑफ हैल्थ एंड फैमिली वैल्फेयर की गाइडलाइंस के अनुसार सोशल डिस्टैंसिंग पिछले साल की तरह इस साल का भी प्रमुख मंत्र होगा अतः कार्यक्रम में कम लोगों को शामिल किया जाएगा। इस बार भी लालकिले की प्राचीर से हमेशा की तरह ऑनरेबल प्राइम मिनिस्टर ऑफ़ इंडिया श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी के द्वारा तिरंगा फहराया जाएगा, स्पीच भी होगी और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया जाएगा। कोविड19 की सिचुएशन को ध्यान में रखते हुए भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे। सिटिंग अरेंजमेंट में 2 गज की दूरी का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। जगह-जगह सैनेटाइज़र का इंतजाम होगा। राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि डॉक्टर्स, हैल्थ केयर वर्कर्स और सफाई कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया जाए। विभिन्न कार्यक्रमों को वैब कास्ट किया जाएगा ताकि बड़ी संख्या में उन लोगों तक पहुंचाया जाए जो इस बार कोविड19 के चलते इसमें हिस्सा नहीं ले पाए। विभिन्न गतिविधियों और सोशल मीडिया द्वारा प्रधान मंत्री द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत का ठीक ढंग से प्रचार व प्रसार किया जाएगा।
15अगस्त के दिन पतंग उड़ाना भी देश की स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक माना गया है। इस दिन अक्सर बच्चों और बड़ों को छतों पर पतंग उड़ाते देख सकते हैं। यह दृश्य अधिकतर दिल्ली, पंजाब व गुजरात में देखने को मिलता है।
स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर पर मैं पिंकी राय शर्मा देश के उन सब प्रहरियों के प्रति नतमस्तक हूं जो दिन-रात हमारी और हमारे देश की रक्षा हेतु अपनी जान दाव पर लगा कर भारतीय सीमाओं पर निरंतर पहरा दे रहे हैं। मैं उन सब भारत मां के वीर सपूतों की माताओं का भी दिल से वंदन करती हूं जिन्होंने खुशी-खुशी अपनी आंख के तारों को भारत माता की रक्षा हेतु समर्पित किया है।
"नमन करूं मैं हर उस मां को देश की रक्षा करने सरहद पर जिनके लाल खड़े हैं सीना ताने" !!
जय हिंद जय भारत।🙏
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