हिंदू शास्त्रों के अनुसार बारह महिनों में सावन/श्रावण मास का महात्म्य सुनने योग्य है क्योंकि इसका सीधा संबंध देवाधिदेव महादेव से जुड़ा है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार सावन का महिना शिव भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है अतः संपूर्ण भारत वर्ष में इसे पावन पर्व के रुप में मनाया जाता है। इस पवित्र माह के महात्म्य के श्रवण मात्र से ही हर प्रकार के दुःख-दरिद्र, रोग-दोष दूर होते हैं। इस महिने में किया गया दान-पून्य, भक्ति, पूजा-अर्चना का फल सहस्त्र गुणा अधिक मिलता है। सावन/श्रावण मास की पुर्णिमा भी सामान्यतः श्रावण नक्षत्र में पड़ती है। इस दिन किए गए व्रत, पूजा-पाठ, सच्चे मन से की गई प्रार्थना से अखंड-सौभाग्य, सौंदर्य एवं रिद्धि-सिद्धि का वरदान प्राप्त होता है। वज़ोबिआना के इस लेख में सावन का महिना क्यों है खास/Sawan ka mahina kyun hai khas सामान्यतः निम्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है: 1) सावन/श्रावण मास में शिव-जलाभिषेक का महात्म्य/महत्व 2) पुत्रदा एकादशी 3) श्रावण मास की एकादशी का महात्म्य/महत्व 4) कांवड़ यात्रा सावन के पावन महिने में शिव-जलाभिषेक क्यों किया जाता है, सावन का म...