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बच्चों को कोरोनावायरस (COVID-19) से कैसे बचाएं | Bacchon Ko Coronavirus (Covid-19) Se Kaise Bachayein

बच्चों को कोरोनावायरस से कैसे बचाएं:

Bacchon Ko Coronavirus (Covid-19) Se Kaise Bachayein

हमारे इस लेख में आज हम आपको सर्वव्यापी pandemic/वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातों से अवगत करवाने जा रहे हैं।
कोरोनावायरस क्या है:

कोरोनावायरस  ऐसी बीमारी (disease) है जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे किसी भी स्वस्थ व्यक्ति में बड़ी ही आसानी से फैल जाती है। आज के दौर में इसने पूरी दुनिया को भयंकर तरीके से अपनी चपेट में ले रखा है। वैसे तो कोई भी इंसान इसका शिकार आसानी से हो सकता है लेकिन बूढ़े और छोटे बच्चे या जिनका इम्युन सिस्टम कमज़ोर होता है, ऐसे लोग जल्दी इसके प्रभाव में आ सकते हैं। कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और समस्त डॉक्टरों का मानना है कि जब तक इसकी प्रौपर वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक सोशल डिस्टैंसिंग और मास्क N-95 का प्रयोग करना अनिवार्य है। दुनिया भर के देशों की तरह भारत में भी इसका प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है अतः सतर्क रहना अत्यावश्यक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा 30जून, 2020 को 14.00 GMT जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ल्ड वाइड 10,450,512 कोविड-19 संक्रमित केसिज (cases) हैं, टोटल डैथ 509,157, रिकवर्ड केसिज 5,706,511 एक्टिव केसिज (cases) 4,234,862, माइल्ड केसिस 4,177,177, क्रिटिकल केसिस ऑफ द टोटल 57,685 हैं।
इस लेख मे कोरोनावायरस  क्या है,  इसकी उत्पत्ति कहां से हुई, इसके प्रमुख लक्षण क्या हैं और बच्चों को कोरोनावायरस से कैसे बचाएं के बारे में बताने की कोशिश की गई है।

 कोरोनावायरस की उत्पत्ति:

आज के समय में मैडिकल साइंस  इतनी तरक्की कर चुका है कि जीन विश्लेषण द्वारा यह पता लगाना मुश्किल नहीं है कि वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई और इसे फैलाने वाला पहला देश कौन है। कोविड-19 (Covid-1) की उत्पत्ति का संबंध चीन के वुहान शहर के मांस-मछली और जानवरों के बाजार से माना गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार यह वायरस वुहान शहर की एक प्रयोगशाला से लीक हुआ और देखते ही देखते इटली, जर्मनी, फ्रांस, अमेरिका जैसे बड़े-बड़े देशों में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बड़ी ही तीव्र गति से फैल गया। इसकी रोकथाम के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है।

कोरोनावायरस (covid-19) के लक्षण:

बच्चों को कोरोनावायरस से कैसे बचाएं:

 बच्चों में या बड़ों में निम्न लक्षण पता चलते ही पेरेंट्स तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

1) लगातार लंबे समय तक खांसी आना:                                                                                          
लगातार लंबे समय तक खांसी आना कोविड-19 का लक्षण हो सकता है। जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से सलाह लें।
2)  बुखार होना:
यदि बच्चे के शरीर का तापमान बढ़ा हुआ हो, ठंड लग रही हो या कंपकंपी महसूस हो रही हो तो कोरोनावायरस का लक्षण हो सकता है।
3)  थकान महसूस करना:
यदि कुछ समय से शरीर टूटा-टूटा लग रहा हो, बच्चा थकान महसूस कर रहा हो तो ये कोरोनावायरस का लक्षण हो सकता है।
4)  गंध, (smell) व स्वाद (taste) का पता नहीं चलना:
यदि खाने में स्वाद का पता नहीं चल रहा हो और न ही कोई गंध आ रही हो तो ये भी कोरोनावायरस का लक्षण हो सकता है।
5)  सांस लेने में दिक्कत आ रही है:
यदि बच्चे को सांस लेने में दिक्कत आ रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। Covid-19 का लक्षण हो सकता है।
6)  शरीर में दर्द होना:
बच्चा अचानक शरीर में दर्द बताने लग जाए, सुस्ती महसूस करने लगे तो डॉक्टर से संपर्क करें।
7)  गले में खराश होना: 
शरीर में दर्द के साथ यदि बच्चा गले में खराश बता रहा हो तो कोरोनावायरस का लक्षण हो सकता है  माता-पिता तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। नज़र अंदाज़ न करें।
8)  डायरिया व उल्टी आना:
कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्तियों में डायरिया व उल्टी के भी लक्षण पाए गए हैं। अतः बच्चों में ये लक्षण पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना अनिवार्य है।


बच्चों को कोरोनावायरस से कैसे बचाएं:

 इस के लिए पेरेंट्स को पहले बच्चों की मानसिकता को समझना जरूरी है। वे कितने भी ऐक्टिव व हाइपर क्यों न हों उन्हें हर समय कुछ न कुछ नया सीखने व करने की लालसा ज़रूर बनी रहती है। बच्चे बड़ों की अपेक्षा जल्दी ही चीजें अंडरस्टैंड कर लेते हैं। आज पूरी दुनिया के लोग इस ख़तरनाक बीमारी को लेकर चिंतित हैं। माता-पिता को देख कर बच्चे भी कुछ देर के लिए परेशान हो जाते हैं। अतः उनकी परेशानी दूर करने के लिए पेरेंट्स उनसे खुलकर बात करें और बड़ी ही ईमानदारी एवं समझदारी से बच्चों को भरोसा दें कि उनके होते हुए उन्हें डरने की या घबराने की कोई बात नहीं है। बच्चों को कोरोनावायरस  के बारे में बताएं कि यह एक तरह का वायरस है जिससे कुछ महत्वपूर्ण टिप्स को फॉलो कर के बचा जा सकता है। ध्यान रहे माता-पिता बच्चों को डराएं नहीं बल्कि उन्हें सशक्त बनाएं और इस बात के लिए तैयार करें कि वे संक्रमित होने के ख़तरे से बच सकते हैं, हर चीज़ उनके अपने हाथ में है, उन्हें किसी अफवाह की तरफ ध्यान नहीं देना है और संक्रमण होने से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना है:
  • बार-बार साबुन से हाथ धोएं और अच्छी तरह साफ तौलिए (towel) से सुखाएं।
  • सैनेटाइज़र का प्रयोग करें।
  • इधर-उधर किसी भी चीज को हाथ लगाने से बचें।
  • खांसते व छींकते समय मुंह पर बाजु रखें या टिशु का प्रयोग करें, एकबार  इस्तेमाल करने के बाद टिशु दोबारा यूज़ न करें।
  • बार-बार हाथ से आंख, नाक या मुंह को न छूएं।
  • बीमार व्यक्ति के नज़दीक न जाएं।
  • हाईजीन का खास ख्याल रखें।
  • घर की प्रत्येक वस्तु को साफ़ रखें।
  • घर के फर्श को हमेशा साफ व कीटाणु मुक्त रखें।
  • बाहर निकलने से पहले मास्क N-95 अवश्य पहनें।
जहां तक हो सके पेरेंट्स घर में ऐसा खुशनुमा माहौल बनाने की कोशिश करें कि बच्चे बाहर जाने की ज़िद न करें।  बच्चों को घर के अंदर ही इनडोर गेम्स जैसे कैरंबोर्ड, चैस, तंबोला, लूडो इत्यादि खेलने के लिए प्रोत्साहित करें हो सके तो स्वयं भी माता-पिता बच्चों के साथ बैठकर ये सारी गेम्स खेलें इससे बच्चे खुलकर अपनी भावनाओं को आपके सामने व्यक्त करेंगे। अगर घर में दादा-दादी (ग्रेंड पेरेंट्स) हैं तो बच्चों को ज्यादा से ज्यादा उनके साथ इंटरैक्ट करवाएं ताकि बच्चों में माॉरल वैल्यूस का ज्ञान बढ़े। 

बच्चों को कोरोनावायरस से कैसे बचाएँ (इसका सबसे बड़ा उपाय): 

बच्चों को इस बीमारी से बचने का सबसे बड़ा उपाय है की बच्चों को घर से बाहर न जाने दें।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिन तक का समय हो सकता है यदि बच्चों में या किसी में भी ऊपर लिखित कोरोनावायरस के  लक्षण दिखें तो उन्हें सैल्फ आइसोलेट कर लेना चाहिए ताकि घर में रहने वाले बाकी लोगों को संक्रमित होने से बचाया जा सके। यदि सांस लेने में दिक्कत आ रही हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें ऐसे में पेशैंट को ऑक्सीजन या वैंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है। भारत में कोरोनावायरस (covid-19) की जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की बेबसाइट से ली जा सकती है। देश की राजधानी दिल्ली में इमरजेंसी की स्थति में कभी भी टोल-फ्री नम्बर +91-11-23978046 या 1075 पर संपर्क किया जा सकता है। देश के विभिन्न राज्यों में भी आम आदमी की सहायता के लिए हैल्पलाइन-नंबर्स शुरू कर दिए गए हैं अतः सतर्क रहिए सुरक्षित रहिए।

Parenting Tips Writer लेखिका: पिंकी राय शर्मा  



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