टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों में भारत की बेटियों ने अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए देश का नाम रौशन किया है। आज हम बात कर रहे हैं हिंदुस्तान के असम राज्य के गोलाघाट जिले में पैदा हुई 'Lovlina Borgohain' के बारे में जो ओलंपिक 2020 खेलों में महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत की ओर से अपना शानदार प्रदर्शन दिखा रही हैं। लवलीना बोरगोहेन का जन्म 2अक्तुबर, 1997 को असम राज्य में गोलाघाट जिले के एक छोटे से गांव बारामुखिया में हुआ। उसके घर तक पहुंचने का रास्ता कच्चा एवं बारिश के मौसम में तो बेहद दलदल भरा है। ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद अब जाकर असम सरकार ने इस शायनिंग स्टार/shining star के घर तक रोड़/road का निर्माण करवा दिया ताकि मीडिया या आने-जाने वाले लोगों को कोई दिक्कत न हो। बचपन से ही खेल-कूद में रुचि रखने वाली लवलीना बोरगोहेन दृढनिश्चयी एवं कर्मठ थी।
लवलीना बोरगोहेन को खाने में क्या पसंद है। Lovlina's favourite food:
लवलीना बोरगोहेन के माता-पिता के अनुसार बचपन से ही इनकी इस होनहार बेटी ने कभी भी खाने में कोई नख़रे नहीं दिखाए। वैसे तो इनकी माताजी द्वारा पकाया गया हर तरह का खाना इन्हें पसंद था लेकिन अंडा, परांठा और पोर्क/pork बचपन से इनका पसंदीदा खाना रहा है।
किक-बॉक्सिंग से की करियर की शुरुआत:
लवलीना बोरगोहेन का जन्म एक छोटे से किसान परिवार में हुआ था। इनके पिता श्री टिकेन एक छोटे व्यापारी थे और माता श्रीमती मामोनी एक गृहिणी थी। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय बारपाथर गर्ल्स हाई स्कूल से प्राप्त की। बचपन में पिता की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी फिर भी उन्होंने बेटियों के सपनों को पूरा करने के लिए काफी संघर्ष किया। लवलीना की दो बड़ी जुड़वां बहनें लीचा और लीमा हैं। लवलीना का कद पांच फुट दस इंच लम्बा है। तीनों बहनों को बचपन से ही खेलों/sports का अत्यधिक शौक था अतः शुरुआती दौर में तीनों ने किक बॉक्सिंग को अपना करियर बनाने के बारे में सोचा लेकिन बाद में यह फैसला त्याग दिया गया। दोनों बड़ी बहनों ने किक बॉक्सिंग छोड़ दी लेकिन लवलीना पूरे डिटरमिनेशन के साथ मुक्केबाजी में अपना करियर बनाने में जुट गई।
लवलीना बोरगोहेन ने सर्व प्रथम 15 साल की उम्र में महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता के कौशल का प्रदर्शन अपने ही विद्यालय बारपाथर में दिखाया था। वहीं पर कोच पदम बोरो /Padum Boro ने इनकी प्रतिभा को पहचान कर उसे निखारने का निर्णय लिया और उन्हें बाॉक्सिंग की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया। कुछ समय पश्चात इन्होंने भारतीय महिला मुक्केबाजी के कोच शिव सिंह जी से प्रशिक्षण लेना शुर कर दिया। यहां से शुरू हुई लवलीना बोरगोहेन के महिला मुक्केबाजी की शानदार शुरुआत।
सफलता के शानदार दौर की शुरुआत:
भारत की बेटी लवलीना बोरगोहेन के जीवन की सफलता के शानदार दौर की शुरुआत तब हुई जब जून 2017 में आस्ताना/Astana city में आयोजित प्रेसिडेंटस कप में कांस्य पदक जीता और नवंबर 2017 में ही दुबारा वियतनाम में एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीत कर देश का नाम रौशन किया। 2018 में इंटरनैशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया और इसके साथ ही राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह बना ली। लवलीना बोरगोहेन ने अब तक एशियन चैंपियनशिप में 2 कांस्य पदक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में 2 कांस्य पदक और इंटरनैशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत कर देश का नाम रौशन किया है। नई दिल्ली में आयोजित ए.ई.बी.ए. महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व करते हुए 23 नवंबर, 2018 को वैल्टरवेट/welterweight (69 k.g.) श्रेणी/ category के अंतर्गत कांस्य पदक जीतने का गौरव हासिल किया।
अर्जुन अवार्ड से सम्मानित:
मार्च 2020 में औसनिया ओलंपिक क्वालीफायर मुक्केबाजी टूर्नामेंट में लवलीना बोरगोहेन ने मफतुनाखोन मेलिवा/Maftunakhon Melieva को 5-0 से हराकर ओलंपिक के लिए शानदार बर्थ सुनिश्चित की। इसके साथ ही अपने राज्य असम की पहली महिला मुक्केबाज खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल कर लिया जिसने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई/qualify किया और इस के लिए राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने इन्हें अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते 2020 में नैशनल स्पोर्ट्स अवार्ड समारोह ज़ूम/Zoom पर आयोजित किया गया था। लवलीना बोरगोहेन असम की छठी व्यक्ति विशेष बन गई जिन्होंने अर्जुन अवार्ड प्राप्त करने का गौरव हासिल किया।
अक्टूबर 2020 में लवलीना वैश्विक महामारी कोरोनावायरस की चपेट में आ गई और इन्हें अपने आप को क्वारंटाइन करना पड़ गया जिसकी वजह से राष्ट्रीय मुक्केबाज टीम के साथ इटली नहीं जा पाईं थीं।
लवलीना बोरगोहेन का ओलंपिक 2020 में शानदार प्रदर्शन:
भारत की बेटी लवलीना बोरगोहेन ओलंपिक 2020 टोक्यो में महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर रही है। इन्होंने 27 जुलाई को रांउड औफ़/round of 16 में जर्मनी की एन.एडिने एपेज़/N.Adine Apetz को हराया। 30 जुलाई को चायनीस तेपी/Chinese Taipei की एन.सी.चैन/N.C.Chen को क्वाटर फाइनल में हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर चुकी है। अब अगला मुकाबला 4 अगस्त को टर्की की बी.सुर्मेनली/B.Surmeneli के साथ होगा।
भारत की बेटी लवलीना बोरगोहेन ओलंपिक में ब्रॉंज पदक जीतने वाली तीसरी मुक्केबाज (boxer) खिलाड़ी बन गईं हैं:
Boxer Lovlina Borgohain clinch Bronze medal for India in 2020 Olympics:
भारत की बेटी लवलीना बोरगोहेन clinch Bronze medal in Olympics. ओलंपिक खेलों में पहली बार भाग लेने वाली 23 वर्षीय लवलीना बोरगोहेन ने ब्रॉंज पदक (bronze medal) जीतकर भारत का नाम रौशन किया है। 69 किलोग्राम भार वर्ग के दायरे में खेलने वाली भारत की इस युवा खिलाड़ी को 4 अगस्त, 2021, टोक्यो ओलंपिक्स 2020 में दुनिया की नंबर वन बॉक्सर बुसेनाज़ सुर्मेनली जो कि इटली की हैं से हार का सामना करना पड़ा। खेलों में हार-जीत तो चलती रहती है। हमें गर्व है भारत की इस बेटी पर जिसने ब्रॉंज पदक अपने नाम कर ओलंपिक में भारत का नाम रौशन किया।
भारत के असम राज्य में जिला गोलाघाट के एक छोटे से गांव बारामुखिया में रहने वाली लवलीना बोरगोहेन Lovlina Borgohain ओलंपिक खेलों में पदक/medal जीतने वाली तीसरी भारतीय मुक्केबाज/boxer खिलाड़ी बन गईं हैं।
लेखिका: पिंकी राय शर्मा
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